बुधवार, 14 दिसंबर 2011

Conditions apply !!

अब भी
चौराहों पर बालक खड़े हैं
भूखे

अब भीघूँघट में मुखड़ा छुपाये
पनिहारिन  दूर तक जाती है

कोई पलक टकटकी लगाये
आज भी किसी का बाट जोहती  है

आसमान का नीला फलक
आज भी
अपनी और उठने वाली नजरो से
बिंध जाता है

आज जबकि "सब है" का दम भरते
बेदम पड़े कुछ पस्त आम
बिलकुल चूस कर फेक दिए गए है
चारो तरफ है इश्तिहार
और नीचे छपा है-
Conditions apply !!!